सिद्ध शीतल चुर्ण

 


सिद्ध शीतल चुर्ण


शरीर की गर्मी को करे शांत

        सिद्ध शीतल चुर्ण

21 ठंडी जड़ी बूटियों का मिश्रण

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⏯️ सेवन विधि :-दिन में 3 बार 3 से 5 ग्राम( एक चम्मच) बच्चों को 1 ग्राम (आधा चम्मच)। निम्बू पानी, छाछ, मठा पानी(दही पानी),नारियल पानी,बेल शर्बत  किसी एक के साथ ले।


⏯️ लाभः पेट में तेजाब बनना, पेट मे गैस, कब्ज, एसिडिटी, आंतों, मसाने की गर्मी होना या लिवर की गर्मी और सूजन होना।


पेट की गर्मी के लिए आयुर्वेदिक चुर्ण सिद्ध शीतल कल्पचुर्ण 21 जड़ी बूटी का महत्वपूर्ण मिश्रण  के साथ। Online मंगवाए


💟 धातु रोग, शरीर की कमजोरी, ज्यादा पसीना आना, गर्मी में घबराहट होना, और नशों को ताकत देने वाला चुर्ण है।


💟 दिमाग को रखे ठंडा , बच्चों और बजुर्गों के गर्मी की राहत के लिए वरदान है *सिद्ध शीतल चुर्ण*।


💟 गर्भवती महिलाओं और  पेट पल रहे बचें के लिए   *सिद्ध शीतल चुर्ण* गर्मी में रामबाण है।


💟 पैरों से सेक निकलता है तो यह चुर्ण ले


💟 मुह में और सांस नली में छाले (जब खाना खाते जलन होती ) हो तो सिद्ध शीतल कल्पचुर्ण कारगर साबित होता है।


💟 दफ्तरों और कम्यूटर पे काम करने वाले यह चुर्ण जरूरत इस्तेमाल करे।


घर मे आसानी से बना सकते हैं आप और इसका कोई साइड इफेक्ट्स नही है


       21 जड़ी बूटी का महत्वपूर्ण मिश्रण

                सिद्ध शीतल चुर्ण


कौंचबीज बीज काला 100 ग्राम

त्रिफला             100 ग्राम

सफेद चंदन       100 ग्राम

ब्रह्मबुटी            100 ग्राम

खसखस सफेद  100ग्राम

संखपुष्पी          100ग्राम

सौंफ़                 100 ग्राम

आवला चुर्ण       100  ग्राम

तुलसी बीज        100  ग्राम

बादाम गिरी        100 ग्राम

मुलेठी का चूर्ण    100 ग्राम

मिश्री                 100 ग्राम

जीरा                    50 ग्राम

छोटी इलाची         50 ग्राम

पुदीना सत             5 ग्राम

निम्बू सत।             5 ग्राम


5 और महत्वपूर्ण जड़ी बूटी वैद्य  की देखरेख में तैयार करे ।सभी को मिलाकर चुर्ण बना ले।और चार गोंद 200 ग्राम काढ़े  में भावना दे सायं में सुखाए।


सेवन विधि


  दिन में 3 बार 3 से 5 ग्राम( एक चम्मच) बच्चों को 1 ग्राम (आधा चम्मच)। निम्बू पानी, छाछ, मठा पानी(दही पानी),नारियल पानी,बेल शर्बत  किसी एक के साथ ले ।


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      सिद्ध शीतल चूर्ण के फायदे जाने

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⛑️ पेट में तेजाब बनना, पेट मे गैस, कब्ज, एसिडिटी, आंतों, मसाने की गर्मी होना या लिवर की गर्मी और सूजन होना।


⛑️ पेट में गर्मी होने पर पेट में जलन, मरोड़, दर्द और ठीक से पेट साफ़ ना होना जैसे लक्षण दिखने लगते है ।


⛑️ यह उत्तम शीतल गुणों से युक्त होती है ।पेशाब में धातु जाना,पेशाब में जलन,पेशाब में इन्फेक्शन एवं महिलाओं के श्वेत प्रदर जैसे रोगों में लाभदायक औषधि साबित होती है |


⛑️ सिद्ध शीतल कल्पचुर्ण  में एंटीबैक्टीरियल गुण होते है जो इसे और अधिक उपयोगी औषधि बनाते है |


⛑️ यह शरीर में जलन,उष्णता एवं पत्थरी के निर्माण को रोकने का कार्य करती है |


⛑️ अश्मरी रोग एवं हृदय की कमजोरी में भी यह लाभदायक परिणाम देती है

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         👍तेजाब के लिए भी उत्तम👍


⛑️ पेट की गर्मी के कारण,ज्यादा मसालेदार खाना,शाम होने के बाद ज्यादा खाना खाने से,दर्द दूर करने वाली दवा का जादा सेवन करना,पेट में तेजाब (एसिडिटी) बनने के कारण,धूम्रपान और शराब का अधिक सेवन करने  से पेट की गर्मी और एसिड बढ़ जाता है। इन सभी वस्तुओं में परहेज़ जरूर करे। नही तो शीतल चूर्ण असर नही कर पाएगा।

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      जानिए पेट में गर्मी के लक्षण

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पेट में जलन होना,सीने में जलन महसूस होना, मुंह और गले में छाले पड़ना। शरीर पर छोटे छोटे लाल रंग के दाने निकलना।


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संपर्क सिद्ध अयुर्वेदिक आश्रम सिरहिन्द

Whats 94178 62263


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